इंदिरा गांधी की वजह से टूटी एक देश एक चुनाव की परंपरा, बीजेपी सांसद ने कांग्रेस पर बोला हमला

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वन नेशन वन इलेक्शन: वन नेशन-वन इलेक्शन से जुड़े संविधान संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का सदस्य बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद संजय जयसवाल ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश में वन नेशन-वन इलेक्शन की परंपरा रही है. लेकिन कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अहंकार के कारण यह टूट गया।

वन नेशन वन टैक्स का विपक्ष ने भी किया था विरोध: संजय जयसवाल

वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर अपनी राय देते हुए जयसवाल ने कहा कि लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सबसे बड़ी घटना वन नेशन वन इलेक्शन के रूप में संविधान के 129वें संशोधन की शुरुआत थी. विपक्षी लोगों ने वन नेशन वन टैक्स यानी जीएसटी का भी विरोध किया. लेकिन हुआ ये कि केंद्र सरकार ने न सिर्फ इसे सर्वसम्मति से पारित कराया बल्कि आज देश को इसका लाभ भी मिल रहा है. उसी प्रकार वन नेशन वन इलेक्शन भी देश के लिए लाभदायक होगा।

एक देश-एक चुनाव के मुद्दे पर विपक्ष को अपनी राय देनी चाहिए

पत्रकारों से बात करते हुए जयसवाल ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर सभी राजनीतिक दलों को जेपीसी में अपनी राय देनी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में वक्फ बोर्ड से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए जगदंबिका पाल के नेतृत्व में जेपीसी की टीम 18 जनवरी को बिहार आएगी. यहां वह वक्फ बोर्ड से जुड़े मामले की सुनवाई करेंगे.

जयसवाल कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं

एक राष्ट्र-एक चुनाव के लिए मोदी सरकार द्वारा गठित जेपीसी में बिहार के पश्चिमी चंपारण से सांसद और बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल को सदस्य बनाया गया है. जायसवाल इस बिल पर आम सहमति बनाने और इसकी तकनीकी दिक्कतों को दूर करने का काम करेंगे. इससे पहले जायसवाल को लोकसभा की बजट समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. इसके अलावा पार्टी ने उन्हें लोकसभा में अपना मुख्य सचेतक भी नियुक्त किया है. जयसवाल पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय की सलाहकार समिति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति के अलावा प्राक्कलन समिति और गवर्निंग बॉडी JIPMER पुडुचेरी के सदस्य रहे हैं।

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