भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव जे.पी. सिंह ने बातचीत का नेतृत्व किया। वहीं ईरान के प्रतिनिधि दक्षिण एशिया डिवीजन के महानिदेशक हाशेम अशजा जादेह ने किया, जबकि आर्मेनिया की ओर से विदेश मंत्रालय के एशिया-प्रशांत विभाग के प्रमुख अनाहत कार्पेटियन शामिल हुए।
बैठक के दौरान देशों द्वारा व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा देने और लोगों के सहयोग को मजबूत करने के प्रोत्साहन पर भी चर्चा की गई। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिणी ट्रांसपोर्ट रेलवे (INSTC) के तहत सहयोग को बढ़ावा दिया गया और चाबहार बंदरगाह में भी महत्वपूर्ण प्रकाश डाला गया।बैठक के दौरान आर्मेनिया ने अपने प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट “क्रॉसरोड्स ऑफ पीस” का उल्लेख किया जिसमें क्षेत्रीय शांति और विकास को बढ़ावा देना सबसे पहले शामिल है। त्रिमूर्ति ने इस त्रिमूर्ति प्रारूप के तहत अपने सहयोग को जारी रखने की दोहराई बनाई। यह भी सहमति बनी कि त्रिपक्षीय बैठक का अगला दौर ईरान में निर्धारित तिथि और समय बाद तय होगा।
सिद्धांत यह है कि अप्रैल बैठक 2023 येरेवन में हुई पहली बैठक के सकारात्मक प्रभावों पर आधारित थी। इस बातचीत का उद्देश्य व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता को मजबूत करना है, जिससे टेलीकॉम कंपनियों को आगे बढ़ाया जा सके ।