हेमंत सोरेन के बड़े भाई दो बार के विधायक दुर्गा सोरेन होते शिबू सोरेन के उत्तराधिकारी ,अगर उनकी रहस्यमयी मृत्यु नहीं हुई होती . कैसे हुई थी मृत्यु ? जाने …

     आज झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने झारखंड के अगले मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ लिया । ये चौथी बार है जब इन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया है । इसके साथ ही वे झारखंड के 14 वें मुख्यमंत्री बन गए हैं । हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने जबरदस्त जीत हासिल किया था । विधानसभा के कुल 81 सीटों के लिए हुए चुनाव में इंडिया गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत हासिल किया था ।

    अब इसमें कोई शक नही है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और शिबु सोरेन के निधन के बाद हेमंत सोरेन अपने आप को उनके उत्तराधिकारी के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया है । लेकिन कभी शिबू सोरेन ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में दुर्गा सोरेन को देखा था ना कि हेमंत सोरेन को । दुर्गा सोरेन ,शिबू सोरेन का बड़ा बेटा था और शिबु उन्ही में अपने उत्तराधिकारी का छबि देखते थे ।

दुर्गा सोरेन का राजनीतिक सफर

शिबु सोरेन के साथ दुर्गा सोरेन (बायें)

    झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबु सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन 25 साल के उम्र में विधायक बन गए थे । 1995 में वे पहली बार जमा विधानसभा से जीत दर्ज कर झारखंड विधानसभा पहुंचे थे । उन्होंने लगातार 10 वर्षों तक इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया । 2009 में गोड्डा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए वे बीजेपी के निशिकांत दुबे से चुनाव हार गए ।चुनाव के कुछ ही दिन बाद 21 मई 2009 को 39वर्ष के उम्र में वे अपने बोकारो स्थित आवास पर मृत पाए गए । इसके साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक उभरते हुए नेता और संभवतः शिबू सोरेन के  उत्तराधिकारी का अंत हो गया । दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन चुनाव से कुछ महीनों पहले बीजेपी जॉइन करने से पहले तक झारखंड मुक्ति मोर्चा में थी । वे 2009 से 2024 तक जमा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रही हैं ।

दुर्गा सोरेन की मृत्यु कैसे हुई ?

दुर्गा सोरेन के पुण्य तिथि पर हेमंत सोरेन

    21 मई 2009 को जब शिबु सोरेन सोनिया गांधी के साथ मीटिंग करने दिल्ली गए थे उसी दिन ये खबर आई कि दुर्गा सोरेन बोकारो स्थित अपने आवास में मृत पाए गए हैं ।पारिवारिक सूत्रों के द्वारा बताया गया कि वे रात में सोए तो फिर उठे ही नहीं ।  उसके बाद आनन फानन में उसे बोकारो स्थित SAIL के जेनरल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया । डॉक्टरों द्वारा बताया गया कि मौत के कारणों के बारे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है । 20 मई के रात को 10 से 10.30 बजे तक वे अपने दोस्तों के साथ थे फिर रात में ऐसा क्या हुआ कि सुबह तक वे मृत पाए गए । मौत के संबंध में ऐसे कई सवाल थे जो प्रशंसको तथा शुभचिंतकों को परेशान कर रही थी ।अस्पताल के निदेशक डॉ AK सिंह द्वारा बताया गया कि दुर्गा सोरेन के सिर में इंजुरी के निशान है और संभवतः गिरने से सर में चोट लगा हो जिस वजह से ब्रेन हेमरेज से मृत्यु हो सकती है । पोस्टमार्टम के बाद शव को अँतिम दर्शन के लिए आवास पर रखा गया । दुर्गा सोरेन का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव नेमरा में सम्पन्न हुआ ।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या था मौत का कारण ?

प्रतीकात्मक तस्वीर

बोकारो सदर अस्पताल के तीन डॉक्टरों के टीम ने दुर्गा सोरेन के मौत के कारणों को जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम किया । पोस्टमार्टम  रिपोर्ट में मौत का कारण ब्रेन हेमरेज बताया गया ।बोकारो सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया गया कि “Massive intra cranial hemorrhage leading to brain strain and caused death of Durga Soren” । हालाँकि दुर्गा सोरेन की मौत का कारण ब्रेन हेमरेज बताया गया है फिर भी रह रह के जाँच की मांग की जाती रही है। मौत के 15 साल बाद उनकी पत्नी सीता सोरेन भाजपा में शामिल होने के बाद दुर्गा सोरेन के मौत की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करती हुई नजर आयी । उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहते हुए उन्होंने कई बार इसकी मांग की लेकिन उनके बातों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया ।

    

  एक बात तो तय है कि अगर हेमंत सोरेन के बड़े भाई और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबु सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन का असामयिक निधन नहीं हुआ होता तो झारखंड की राजनीति ऐसी नहीं होती जैसी अभी है । क्या पता हेमंत सोरेन के जगह झारखंड मुक्ति मोर्चा के उत्तराधिकारी आज दुर्गा सोरेन होता ।

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