पूजा सिंघल , झारखंड कैडर के IAS अधिकारी जो अभी वर्तमान में झारखंड के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं ,ने जेल से ही बंदी पत्र लिखकर न्यायालय से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 479 के तहत जमानत की गुहार लगाई है । मनरेगा घोटाला की राशि को मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोप में 28 महीने से बंद IAS अधिकारी की जमानत याचिका पर 6 दिसम्बर को सुनवाई होनी है । इस संबंध में ईडी कोर्ट ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक ने रिपोर्ट पेश किया है जिसमे जेल प्रशासन के तरफ से कहा गया है कि पिछले 28 महीनों से IAS अधिकारी जेल में बंद है ।
क्या कहती है भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 479
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एक प्रक्रियात्मक कानून है जो हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया है । यह कानून 1 जुलाई 2024 से इस तरह के पुराने कानून दंड प्रक्रिया संहिता का स्थान लिया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(BNSS) धारा 479 में विचाराधीन कैदियों को हिरासत में रखने के अधिकतम सीमा तय की गई है । इसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति पहली बार अपराध करता है और वह उस कथित अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा का एक तिहाई हिस्सा जेल में बिता लिया है तो उसे बांड पर छोड़ दिया जाएगा । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह प्रावधान 1 जुलाई 2024 से पहले दर्ज मामलों के विचाराधीन कैदियों पर भी लागू होगा । इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को आदेश जारी कर विचाराधीन कैदियों को राहत देने को राहत देने के लिए कहा है ।
क्या पूजा सिंघल को इस कानून के तहत राहत मिल सकती है ?
निलंबित IAS पूजा सिंघल PLMA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट ) के जिस धारा 3 और 4 के तहत विचाराधीन है उसमें अधिकतम सजा 7 साल है। पूजा सिंघल को ईडी ने पूछताछ के दौरान 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था ,तब से वे जेल में बंद है । इस दौरान वे 1 महीना के लिए औपबंधिक जमानत पर बाहर निकली है । इसप्रकार वे सजा की अधिकतम अवधि का एक तिहाई हिस्सा जेल में रह चुकी है । ऐसे में अब सबकुछ कोर्ट पे निर्भर है ,लेकिन पूजा सिंघल ज़मानत की शर्तों को पूरा करती है ।
कौन है निलंबित IAS पूजा सिंघल ?
पूजा सिंघल झारखंड कैडर के निलंबित IAS अधिकारी है । निलंबन से पहले उनके पास उद्योग सचिव और खान सचिव का प्रभार था । इसके अलावा पूजा सिंघल झारखंड खनिज विकास निगम की चेयरमैन भी राह चुकी हैं। पूजा सिंघल बीजेपी सरकार के दौरान राज्य के कृषि सचिव रह चुकी हैं ,मनरेगा घोटाला के वक्त वे खूंटी में डीसी के पद पर तैनात थीं । 6 मई 2022 को पूजा सिंघल के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हुई थी जिसमे कई दस्तावेज एवम कागज़ात मील थे । पूछताछ के दौरान 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को इडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उसपे मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था । वर्तमान में वे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है । ईडी टीम मनरेगा घोटाला के साथ साथ पूजा सिंघल के पूरे कार्यकाल की जांच कर रही है ।