दीपा करमाकर ने भारत में जिम्नास्टिक्स को दिलाई थी पहचान, अब नई भूमिका की तलाश

साल 2014 के राष्ट्रमंडल खेल. ये पहला इवेंट था जिससे दीपा करमाकर का नाम सुर्ख़ियों में आया. इस इवेंट में दीपा ने कांस्य पदक जीता था.

इसके क़रीब दो साल बाद ही साल 2016 के रियो ओलंपिक में क्वालिफ़ाई कर दीपा खेल की दुनिया में जाना-पहचाना नाम बन गईं.

ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई करने वाली वो पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट थीं,

ऐसे में पूरे देश ने उनका खेल देखा और इस इवेंट में वो फ़ाइनल में पहुंचीं और चौथे स्थान पर रहीं.

अब दीपा करमाकर ने संन्यास का एलान कर दिया है.

उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, ”बहुत सोचने के बाद, मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं जिम्नास्टिक्स से रिटायर हो रही हूँ. यह निर्णय मेरे लिए आसान नहीं था, पर यही सही वक़्त है.”

उन्होंने 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य जीतने के बाद कई पदक अपने नाम किए.

अब से कुछ महीने पहले ही उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड हासिल किया है.

बीबीसी हिंदी से बातचीत में उन्होंने कहा कि ये गोल्ड जीतने के बाद उन्हें लगता है कि ”अब ये संन्यास का सही वक़्त है.”

दीपा कहती हैं, “मैंने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. ओलंपिक में मैं नहीं जा पाई, क्योंकि वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैंने भाग नहीं लिया था. मुझे लगता है कि इस गोल्ड मेडल को जीतने के बाद अब मेरा रिटायर होने का सही वक़्त है.”

दीपा करमाकर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ”मेरी आख़िरी जीत एशियन जिम्नास्टिक्स चैंपियनशिप ताशकंद में हुई, जो एक टर्निंग पॉइंट था, क्योंकि तब तक मुझे लगा कि मैं अपनी बॉडी को और पुश कर सकती हूं, लेकिन कभी-कभी हमारी बॉडी हमें बताती है कि अब आराम का समय आ गया है, लेकिन दिल अभी भी नहीं मानता.”

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